ड्रम में नर्स की लाश रख जंगल में जलाया:कागज के टुकड़े से मिला था सुराग, बस में शुरू हुई थी लव स्टोरी

Apr 29, 2025 - 11:00
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ड्रम में नर्स की लाश रख जंगल में जलाया:कागज के टुकड़े से मिला था सुराग, बस में शुरू हुई थी लव स्टोरी
मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में इस बार बात एक रहस्यमय केस की। शाजापुर जिले के बेरछा के जंगल में एक ड्रम में मिली अधजली लाश का केस पुलिस के लिए पहेली बन गया था। यह लाश सीहोर जिले के आष्टा की एक नर्स की थी, जो अपने प्रेमी और दोस्तों के साथ आम जिंदगी जी रही थी। आखिर क्या थी उसकी मौत की वजह और कौन थे इसके जिम्मेदार? पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो सामने आया एक ऐसा सच, जिसने सभी को चौंका दिया...। 1 फरवरी 2019 को इंदरसिंह बागरी बेरछा थाने में पुलिस को सूचना देता है। बताता है कि वो घटिया खुर्द गांव का चौकीदार है और घुंसी गांव में रहता है। उसका भाई कालू सुबह तलाई की ओर गया था। सूचना के बाद बेरछा थाने से पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू की। इंदरसिंह, धर्मेंद्र गोठी, संतोष और गोविंद सिंह के बयान लिए। मौके से पुलिस को अधजली लाश के बाएं पैर में बिछिया, हाथ में चूड़ी नुमा कड़ा और राख में से कान में पहनने के दो गोल रिंग मिले। जिससे साफ हो गया कि बॉडी किसी महिला की है। लेकिन ये महिला कौन है, इसका पता नहीं चल पा रहा था। दस्तावेज के टुकड़े, इंजेक्शन की शीशी मिली घटनास्थल पर सीन ऑफ क्राइम यूनिट, शाजापुर के वैज्ञानिक अधिकारी भी पहुंचे। महिला की लाश के पास पड़ी राख पर कुछ जले हुए दस्तावेज के टुकड़े, एक इंजेक्शन, एक कांच की शीशी मिली। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधिकारियों के सामने अब भी ये सवाल बरकरार था कि आखिर ये महिला कौन है और इसे इस तरह क्यों जलाया गया है? अगले दिन 1 फरवरी 2019 को सुबह 9 बजे उसी स्थान पर एक अधजली महिला की लाश पाई गई। जांच में ये भी पता चला कि अज्ञात महिला की हत्या किसी अन्य स्थान पर की गई थी। सबूत मिटाने के लिए और लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसे यहां लाया गया था। बेरछा पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201, 34 के तहत केस दर्ज कर लिया। शव के पास मिले कागज के टुकड़े से लगा सुराग पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी थी कि आखिर ये लाश किस महिला की है? कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग पा रहा था। इसी बीच एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान और एएसपी गोपाल धाकड़ ने आसपास के थानों और जिलों से किसी महिला के लापता होने की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए। पता चला कि शाजापुर जिले से कोई महिला लापता नहीं हुई थी। पुलिस के सामने पहली चुनौती शव की शिनाख्ती ही थी। बेरछा थाने की तत्कालीन प्रभारी दीपिका शिंदे ने मुगली रोड के बारे में जानकारी निकाली तो पता चला कि ऐसी जगह आष्टा में है। आष्टा में नर्स के लापता होने की जानकारी मिली इसी बीच आष्टा सिविल अस्पताल की एक नर्स (एएनएम) वंदना सोनी के ड्यूटी पर नहीं पहुंचने का मामला सामने आया। नर्स की टीकाकरण के लिए ड्यूटी लगी थी। डॉ. बुसरा सिद्दीकी ने बीएमओ को इसकी जानकारी दी। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने वंदना के परिजन को बताया। वंदना की बहन सुनंदा सोनी ने उसे कॉल किया, लेकिन फोन स्विच ऑफ आया। लापता बहन को ढूंढने के लिए सुनंदा मंडीदीप से आष्टा पहुंची। यहां वो वंदना की सहेली प्रिया पंवार से मिली। प्रिया भी सिविल अस्पताल आष्टा में नर्स का काम करती है। उसने बताया कि 1 फरवरी 2019 से वार्ड क्रमांक 16 में टीकाकरण का काम वंदना को दिया गया था। सुपरवाइजर को चेकिंग में वह अनुपस्थित मिली। उसने मोबाइल लगाया तो पहले एक रिंग गई, लेकिन बाद में फोन स्विच ऑफ हो गया। मैसेज करने पर भी वंदना ने कोई जवाब नहीं दिया। सुनंदा ने 2 फरवरी 2019 को आष्टा थाने में वंदना की गुमशुदगी दर्ज करवाई। तब बेरछा पुलिस को गायब नर्स के बारे में पता चला। लाश के पास मिले सामान से हुई शिनाख्त बेरछा पुलिस ने आष्टा पहुंचकर शव के पास मिले पाजेब, अंगूठी, गाड़ी की चाबी सहित अन्य चीजें सुनंदा और नीलम को दिखाईं। उन्होंने ये सभी चीजें वंदना सोनी की होने की पुष्टि कर दी। इसी के साथ खुलासा हो गया कि अधजली लाश लापता नर्स वंदना सोनी की है। ये भी पता चला कि वंदना की मां राधा मंडीदीप में एएनएम है। अधजली लाश की राख में से मिली चाबियों से वंदना की स्कूटी और कमरे के ताले खोले गए। 3 फरवरी की रात टीआई दीपिका शिंदे सिविल अस्पताल आष्टा पहुंचीं। उन्होंने यहां लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले। इसमें सामने आया कि आखिरी बार वंदना एक लड़की और महिला के साथ देखी गई है। 31 जनवरी को दोपहर 12 बजे तक वो अस्पताल में ही थी। बस कंडक्टर के साथ रिलेशनशिप में थी वंदना पुलिस ने वंदना के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। पता चला कि वंदना मंडीदीप की रहने वाली थी। आष्टा के सरकारी अस्पताल में 3 साल से नर्स थी। वह पहले मारूपुरा में अंसार शाह के मकान में किराए से रहती थी। उसके अंसार और उसके परिवार वालों से पारिवारिक संबंध थे। कुछ समय पहले किसी विवाद के कारण वंदना ने अंसार का मकान खाली कर दिया था। वो बजरंग कॉलोनी के पास एक लॉज में रहने लगी थी। वंदना की बहन सुनंदा के संदेह पर पुलिस ने अंसार से पूछताछ की। आखिरकार वंदना से जान पहचान बढ़ाकर अंसार ने अपने ही मकान में उसे कमरा किराए से दे दिया। अंसार और वंदना के बीच रिलेशनशिप भी कायम हो गया। इसी बात को लेकर अंसार के परिवार में विवाद के कारण वंदना ने मकान खाली कर दिया था और लॉज में रहने लगी थी। अंसार ने कबूल की हत्या, फिर भी पुलिस का संदेह बरकरार पुलिस ने अंसार से पूछताछ की। थोड़ी सख्ती दिखाई तो वो टूट गया। आखिर में उसने नर्स वंदना के साथ अपने संबंधों को स्वीकारते हुए खुद ही हत्या करना कबूल लिया। मामले में घुंसी गांव से ही पेट्रोल खरीदने वाले एक युवक की भूमिका भी सामने आई, जो रामचरण उर्फ गुड्‌डू निकला। गुड्‌डू तांत्रिक था। वो भी अंसार के मकान में किराए से रहता था और वंदना का पड़ोसी था। ड्रम में लाश थी, ड्राइवर ने पूछा तो बताया गेहूं और कपड़े गुड्‌डू ही वो शख्स था, जो कार में वंदना की लाश को आष्टा से घुंसी गांव लेकर आया था। कार के ड्राइवर सौरभ ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि वो रामचरण उर्फ गुड्‌डू को जानता है। कार पंकज सेन की है। जिसे वह चलाता है। 31 जनवरी 2019 को ड्राइवर घनश्याम ने उसे फोन लगाया था और कहा था कि सवारी की बुकिंग है। इसके बाद उसने गुड्‌डू का फोन नंबर सेठ पंकज को दिया था। गुड्‌डू ने पंकज को बताया था कि पत्नी का ऑपरेशन करवाया है। गेहूं और कपड़े लेकर ससुराल जाना है। 1300 रुपए में गाड़ी किराए पर लेना तय हुआ। गुड्‌डू से बात करने के बाद सेठ पंकज ने उसे गाड़ी खतरी मार्केट, आष्टा ले जाने के लिए कहा। वहां पहले से गुड्‌डू खड़ा था। उसने गुड्‌डू से पूछा कि कहां चलना है तो उसने घुंसी जाने की बात कही। गुड्‌डू ने पास में रखा ड्रम उठाकर गाड़ी में रखने के लिए मदद मांगी। दोनों ने मिलकर ड्रम को उठाकर गाड़ी की पीछे वाली सीट पर रख दिया। जब उसने गुड्‌डू से पूछा कि ड्रम में क्या है तो गुड्‌डू ने ड्रम में गेहूं और कपड़े होना बताया। घुंसी के जंगल पहुंचने पर गुड्‌डू ने ड्रम उतरवा लिया। फिर उसने गुड्‌डू को घुंसी में उसकी सुसराल छोड़ दिया। 250 रुपए में लाश जलाने के लिए खरीदा 3 लीटर पेट्रोल पुलिस को घुंसी के बालचंद पंवार ने बताया कि गुड्‌डू गांव का जमाई है। 31 जनवरी की शाम साढ़े सात बजे गुड्‌डू उसके घर आया और कहा कि उसकी कार में पेट्रोल खत्म हो गया है। 5 लीटर पेट्रोल मांगा। बालचंद के पास 3 लीटर पेट्रोल था, जो उसने गुड्‌डू को 250 रुपए में बेच दिया। क्राइम फाइल्स के पार्ट 2 में जानिए इन सवालों के जवाब मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स सीरीज की ये खबरें भी पढ़ें... 15 दिन लापता...फिर जंगल में नग्न हालत में मिली लाश एक बरसाती नाला, जो मई की गर्मी में करीब-करीब सूख चुका है। यहां दो मजदूर गड्ढा खोद रहे हैं, साथ में है पुलिस के अधिकारी। काफी देर तक गड्ढा खोदने के बाद भी मजदूरों के हाथ कुछ नहीं लगा, तब अधिकारी बोले- थोड़ा और खोदो। कुछ ही देर बाद गड्ढे से एक महिला की लाश निकली। लाश के कपड़े गायब थे। वह आधी सड़ चुकी थी क्योंकि इसे दफनाने के बाद नमक और यूरिया डाला गया था। पढ़ें पूरी खबर... मामा ने ही की थी भांजी की हत्या, सिर पर पत्थर से किया था वार 29 अप्रैल 2016 को लीना जमीन की नपती के बाद तार की फेंसिंग कराने के लिए गई थी। जहां उसका मामा प्रदीप से विवाद हो गया था। इसके बाद वो लापता हो गई। मामा ने थाने पहुंचकर लीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस को लीना का मोबाइल ट्रेन में मिला था। इसी मोबाइल के जरिए मिले सुरागों की कड़ी जोड़ते हुए पुलिस उस गड्ढे तक जा पहुंची, जहां हत्या के बाद लीना को दफनाया गया था। पढ़ें पूरी खबर...

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