डीग जिले में अवैध खनन के खिलाफ उतरे साधु-संत:एसपी से मिलने के लिए डेढ़ घंटे करना पड़ा इंतजार; 15 जगह पुलिस चौकी खोलने की मांग
तीन साल पहले डीग के पसोपा में खनन के खिलाफ बाबा विजय दास ने आत्मदाह कर लिया था। तत्कालीन सरकार ने ब्रज क्षेत्र की पहाड़ियों से खनन पूरी तरह खत्म करने का वादा किया लेकिन खनन जारी रहा। संतों का आरोप है कि सरकार बदली लेकिन हालात नहीं बदले। गुरुवार को साधु-संत डीग एसपी ऑफिस शिकायत लेकर पहुंचे लेकिन उन्हें डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। खनन के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर जयपुर से डीग पहुंचे संत भूरा दास ने कहा- ब्रज क्षेत्र की पहाड़ियों में खनन के खिलाफ हमारे संत बाबा विजय दास से आत्मदाह किया था। बाबाजी चले गए, उनका शरीर चला गया लेकिन कुछ नहीं बदला। जिन दो इलाकों (डाबक, सामरेड) से खनन हटाने के लिए आंदोलन चला, वहां आज भी मशीनें चल रही हैं। उन्होंने कहा- सिद्ध पर्वत पर लगातार खनन हो रहा है। पसोपा ही नहीं बल्कि पूरे ब्रज क्षेत्र (डीग-भरतपुर) की पहाड़ियों में खनन जारी है। कोई नहीं सुनता, अफसर फोन नहीं उठाते संत भूरा दास ने कहा- हमारी कोई भी नहीं सुन रहा है। मैं जयपुर से आया हूं। डीग एसपी को लिखित शिकायत देती है। हमें डेढ़ घंटे से इंतजार कराया जा रहा है। हमें यहां बैठा रखा है। हम पहले भी आ चुके हैं। तीन दिन तक यहां रुके। लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तो हम चले गए। अफसर हमारा फोन नहीं उठाते। यहां (डीग एसपी ऑफिस) आने से पहले हम जिला कलेक्टर से भी मिले। आश्वासन मिलता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। खनन माफिया हम पर हमला करते हैं संत भूरा दास ने कहा- हम पर्वत क्षेत्र में जाते हैं तो खनन माफिया साधु संतों पर हमला करते हैं। प्रशासन ने रास्ते कटवाए, खनन माफिया ने फिर निकाले बाबा हरिबोल दास ने कहा- खनन कहां नहीं चल रहा है? नगला-गढ़ी- अंजनी माता सब जगह खनन हो रहा है। चारों तरफ खनन किया जा रहा है। हर दस दिन में हम शिकायत देते हैं। पुलिस हर मामले में हां-हां करती है लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती। बाबा हरिबोल दास ने आरोप लगाया कि खनन माफिया तो हैं ही, खनन के पीछे राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के नेता भी हैं। भाजपा सरकार से उम्मीद थी लेकिन भाजपा सरकार भी ब्रज क्षेत्र से खनन बंद नहीं करा पाई है। खनन रोकने और वनक्षेत्र घोषित करने को लेकर समझौता हुआ था संत समाज सचिव मुकेश शर्मा ने बताया- बाबा विजयदास के आत्मदाह के बाद एक समझौता हुआ था। समझौते के तहत डीग के सिद्ध पर्वत और अन्य क्षेत्र को वन विभाग को सौंपने की बात थी। सीकरी-पहाड़ी क्षेत्र में विकास करने की बात थी। समझौते में तत्कालीन कलेक्टर-एसपी और बड़े प्रशासनिक अधिकारियों ने बड़े दावे किए थे। कहा गया था कि क्षेत्र को वन विभाग को सौंप रहे हैं। यहां विकास करेंगे। साढ़े आठ करोड़ का बजट भी आया। इससे सीकरी-पहाड़ी क्षेत्र में विकास करना था। लेकिन आज तक विकास नहीं हुआ, न खनन रुका। 15 खनन चौकियां बनाने की मांग गुरुवार को साधु संत अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों को रोकने की शिकायत को लेकर एसपी राजेश मीणा के पास पहुंचे थे। जहां उन्हें एसपी से मिलने के लिए करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान साधु संतों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा नजर आया। बाबा हरि बोल दास ने कहा- डीग जिले के खनन इलाके में अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों का आवागमन जारी है। कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन, जब भी अधिकारियों से मिलने गए तो, उन्होंने हमें घंटों इंतजार करवाया। काफी इंतजार के बाद मिलने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। डीग जिले के पहाड़ी, कामां, सीकरी के खनन क्षेत्र में दिन रात अवैध खनन चल रहा है। जिन वाहनों में खनन सामग्री जा रही है। उन वाहनों की नंबर प्लेट नहीं है। क्रेशर मशीनें प्रदूषण के नियमों के खिलाफ चल रहीं हैं। इसलिए खनन क्षेत्रों में पुलिस की चौकियां स्थापित की जाएं। जिससे अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों को रोका जा सके। डीग जिले की करीब 15 जगह ऐसी हैं। जहां पुलिस की चौकी बनाई जाएंं। इन क्षेत्रों में बने पुलिस की चौकियां 1- पहाड़ी कस्बे के मुख्य चौराहे पर, 2- घाटमिका, 3- गोपालगढ़, 4- सीकरी SDM ऑफिस के सामने, 5- गुलपाड़ा, 6- डाबक, 7- अमरुका क्षेत्र, 8- कामां पुलिस उपाधीक्षक के निवास के सामने, 9- धीलावटी क्षेत्र में, 10- जुरहरा थाने के सामने, 11- डीग थाने के सामने, 12- बेढम चौकी के सामने, 13- चोरगढ़ी की मुख्य सड़क पर, 14- डीग शहर के लक्ष्मण मंदिर के पास और 15- बहज चौकी के पास पुलिस चौकी बनाए जाने की मांग की। 3 साल पहले संत ने खनन के खिलाफ किया था आत्मदाह भरतपुर के पसोपा गांव में तीन साल पहले संत बाबा विजय दास ने अवैध खनन के विरोध में खुद को आग लगा ली थी। वे साधु-संतों के साथ खनन के खिलाफ 551 दिन से आंदोलन कर रहे थे। आग लगाने के बाद बाबा राधे-राधे कहते हुए दौड़ने लगे। पुलिसकर्मियों ने कंबल डालकर आग बुझाई। तब तक वे करीब 80 फीसदी जल चुके थे। बाबा ने इलाज के दौरान जयपुर में दम तोड़ दिया था। इस घटना के बाद तत्कालीन खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा था- संतों ने जिन खानों को बंद करने की मांग की है, वे लीगल हैं। फिर भी उनकी लीज शिफ्ट करने पर विचार करेंगे। पूर्ववर्ती सरकार ने खानों के खिलाफ एक्शन लिया था अब डीग के संतों ने आरोप लगाया है कि डीग जिले के पहाड़ी, कामां, सीकरी के खनन क्षेत्र में दिन रात अवैध खनन चल रहा है।
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