हरियाणा का एयरफोर्स जवान लद्दाख में शहीद:4 साल पहले भर्ती, 15 दिन पहले छुट्‌टी से लौटा; भाई ने दी मुखाग्नि

Apr 30, 2025 - 05:30
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हरियाणा का एयरफोर्स जवान लद्दाख में शहीद:4 साल पहले भर्ती, 15 दिन पहले छुट्‌टी से लौटा; भाई ने दी मुखाग्नि
एयरफोर्स के शहीद जवान नवीन श्योराण (25) का आज चरखी दादरी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद के भाई ने नम आंखों के साथ उन्हें मुखाग्नि दी। बाढड़ा से काकड़ौली हुक्मी तक निकाली गई रैली के कारण अंतिम संस्कार काफी देर से हुआ लेकिन लोगों की भीड़ में कोई कमी नजर नहीं आई। आसपास के गांवों से हजारों की संख्या में शहीद को अंतिम विदाई देने लोग पहुंचे। इस दौरान बाढड़ा से विधायक उमेद सिंह भी यहां पर पहुंचे थे। नवीन लेह लद्दाख में ड्यूटी के दौरान नदी में डूब गए थे। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। नवीन 4 साल पहले एयरफोर्स में भर्ती हुए थे। 15 दिन पहले ही वह छुट्‌टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे। ग्रामीणों के मुताबिक नवीन का रिश्ता तय हो गया था। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शोक जताते हुए कहा- लेह-लद्दाख में वीरगति को प्राप्त हुए हरियाणा (गांव काकड़ोली हुक्मी, चरखी दादरी) के लाल नवीन श्योराण जी को अश्रुपूर्ण नमन। प्रभु से दिवंगत आत्मा को शांति व शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। दुख की घड़ी में हम उनके परिजनों के साथ खड़े हैं। ॐ शांति! लद्दाख से फोन आया, पिता पार्थिव देह लेने गए परिवार के मुताबिक उनके पास लेह लद्दाख से फोन आया था कि नवीन की नदी में डूबने के कारण मौत हो गई है। उन्हें ये नहीं बताया गया कि हादसा कैसे हुआ। इसके बाद पिता सतीश श्योराण परिवार के कुछ सदस्यों के साथ पार्थिव शरीर लेने के लिए 28 अप्रैल को लेह लद्दाख के लिए रवाना हो गए। पिता की दुकान, मां आंगनबाड़ी वर्कर नवीन के पिता सतीश काकड़ौली हुक्मी गांव में ही खेती करते हैं। साथ में गांव के बस अड्‌डे पर उनकी खाद-बीज की दुकान है। मां अनीता आंगनबाड़ी वर्कर हैं। नवीन 2 भाइयों में छोटे थे। उनके बड़े भाई नितिन श्योराण लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके दादा धर्म सिंह भी भारतीय सेना से रिटायर्ड हैं। बचपन से ही देश सेवा का सपना था परिवार का कहना है कि नवीन का बचपन से ही सपना था कि वह देश सेवा करेगा। वह हमेशा पढ़ाई में होशियार रहे। 12वीं की पढ़ाई उन्होंने गांव के पास ही प्राइवेट स्कूल से की। इसके बाद साल 2019 में कठिन परिश्रम और अटूट जज्बे के कारण एयरफोर्स में सिलेक्ट हुए। उनकी ड्यूटी लेह-लद्दाख के कठिन और दुर्गम इलाकों में एयरफोर्स स्टेशन पर थी। अप्रैल में ही 15 दिन पहले वह छुट्‌टी काटकर लद्दाख लौटे थे। अगले महीने उनकी दिल्ली में पोस्टिंग आने वाली थी। ग्रामीण रतनदीप श्योराण ने बताया कि नवीन का पास के ही गांव में रिश्ता तय हुआ था ------------------------ ये खबर भी पढ़ें :- हिसार के सचिन असम में शहीद हुए, सिविलियन को बचाते हुए नदी में डूबे हिसार के सचिन रोहिल (25) भी 12 दिन पहले शहीद हो गए थे। सचिन रोहिल की भारतीय वायुसेना की 11एयर विंग में असम के जिला तेजपुर में तैनाती थी। वह असम के सोनितपुर जिले के भालुकपोंग में भराली नदी में व्यक्ति को बचाते हुए डूब गए थे। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाकर सचिन का रेस्क्यू किया, लेकिन वह दम तोड़ चुके थे। इसके बाद उनके पैतृक गांव भिवानी रोहिल्ला में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके छोटे भाई सागर ने उन्हें मुखाग्नि दी। सचिन अविवाहित थे। उनके पिता की 12 साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। पढ़ें पूरी खबर

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