NDA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय, दो बातें देखेंगे:BJP-JDU सीटों की अदला–बदली करेंगी; हार वाली सीटों पर नए प्रयोग की तैयारी
NDA में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों पर मंथन शुरू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, BJP-JDU आपस में सीटों की अदला-बदली कर सकती हैं। NDA की पार्टियां BJP, JDU, HAM यानी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और RLM यानी राष्ट्रीय लोक मोर्चा नीतीश कुमार के नाम पर एकमत हैं। यानी सभी पार्टियां इस बात पर सहमत हैं कि नीतीश कुमार ही चुनाव का चेहरा होंगे। सीटों के चयन की कवायद के बीच सोमवार को HAM नेता जीतन राम मांझी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपनी मांगों को शाह के सामने रखा है। अंदरखाने चर्चा है कि चिराग पासवान भी अपनी नजरें बनाए हुए हैं। दोनों अंदर-अंदर अपनी चालें चल रहे हैं। पढ़िए, NDA के अंदरखाने क्या चल रहा है… सीट बंटवारे की पहली शर्त विनेबिलिटी सूत्रों के मुताबिक, BJP-JDU सीटों के चयन में विनेबिलिटी को तरजीह देगी। जहां से जो पार्टी चुनाव जीत सकती है, उसे वहां का टिकट दिया जाएगा। सीटों का चयन होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें सभी पार्टियों की राय ली जाएगी। इस बार NDA का मकसद 125 सीटों से आगे जाने का है। टारगेट 225 सीटों को जीतने का है। 2020 की तर्ज पर हो सकता है सीटों का बंटवारा संभावना है कि सीटों का बंटवारा 2020 की तर्ज पर हो सकता है। बताया जा रहा है कि 2020 विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे के आधार पर कुछ पार्टियां सीटों का दावा कर रही हैं। अधिक सीटों की डिमांड की जा रही है। इससे निपटने के लिए नेताओं ने सीट बंटवारे के लिए दो फॉर्मूला तय किया है। हालांकि, सीट बंटवारा 2020 के चुनावों की तर्ज पर हो सकता है, जब बड़ी पार्टियों JDU और BJP ने सीटें आपस में बांट ली थी। बाद में JDU ने अपने कोटे से HAM को 7 और भाजपा ने VIP को 11 सीटें दी थी। संभव है कि इस बार भी दोनों पार्टियां अपने बीच सीटों का बंटवारा करेंगी। इसके बाद JDU अपने कोटे से HAM और उपेंद्र कुशवाहा की (RLM) को सीटें दे सकती है। वहीं, BJP अपने कोटे से चिराग पासवान की LJP (रामविलास) को सीटें दे सकती है। सामाजिक समीकरण का रखा जाएगा ख्याल सूत्रों के अनुसार, NDA में इस बार सीटों की अदला-बदली भी हो सकती है। जैसे एक ऐसी सीट जिस पर भाजपा लगातार दो बार चुनाव हार रही है, उसे उस सहयोगी को दिया जा सकता है, जिनके जीतने की संभावना ज्यादा है। हालांकि, इसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि कैंडिडेट के सिलेक्शन में जातिगत समीकरण न बिगड़े। ऐसे उम्मीदवार को सीट नहीं दिया जाएगा, जो प्रभावशाली वोट नहीं खींच सकता। कैंडिडेट्स आपसी सहमति से ही चुने जाएंगे। पिछली बार NDA जीता था 125 सीट, चिराग अकेले लड़े थे 2020 विधानसभा चुनाव में JDU ने 115 सीटों पर चुनाव लड़कर 43 सीटें जीतीं। भाजपा ने 110 में से 71 जीतीं। HAM ने 7 में से चार सीटें जीतीं। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने 11 में से 4 सीटें जीतीं, जिससे NDA 125 तक पहुंचा था। यह बहुमत से सिर्फ 3 सीट अधिक था। इस बार मुकेश सहनी की (VIP) अब तक NDA से बाहर हैं। वहीं, चिराग पासवान की LJP और उपेंद्र कुशवाहा की उपेंद्र कुशवाहा की (RLSP) NDA का हिस्सा हैं। जबकि, पिछली बार दोनों NDA से अलग थे। माना जाता है कि चिराग के बाहर रहने के कारण ही JDU को भारी नुकसान हुआ था। इस बार जिले तक में गठबंधन के नेता एकसाथ घूम रहे हैं। C वोटर के सर्वे में पिछड़े नीतीश, लेकिन NDA के वही चेहरा अप्रैल में जारी C वोटर के ओपिनियन पोल में 36% लोगों ने तेजस्वी यादव को अगला मुख्यमंत्री बनने की पहली पसंद बताया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 15% समर्थन मिला है। वह तीसरे नंबर है। जबकि, दूसरे नंबर पर प्रशांत किशोर हैं, जिन्हें 17% लोगों का समर्थन मिला। सर्वे से इतर NDA ने नीतीश कुमार को ही चुनाव का चेहरा बनाने का ऐलान किया है। इसके पीछे 2 बड़े कारण जानिए... 1. नीतीश के कोर वोटर नहीं छिटकते पॉलिटिकल एक्सपर्ट अवधेश कुमार बताते हैं, 'बिहार में नीतीश कुमार का कोर वोट बैंक 16% है। उनके वोट शेयर पर उनके पाला बदलने से कोई असर नहीं होता है। वह बिहार में कोइरी, कुर्मी और महादलित समुदाय के सबसे बड़े नेता हैं। इस समुदाय के लोगों के लिए नीतीश कुमार प्राइड इश्यू हैं। यही वजह है कि नीतीश कुमार को साथ रखना बीजेपी और आरजेडी दोनों की मजबूरी है।' 2. राजद 'M-Y' समीकरण से नहीं निकल पाई, JDU ने पूरे EBC को साधा बिहार की राजनीति में लालू यादव की पार्टी राजद को M-Y यानी मुस्लिम-यादव समीकरण वाली पार्टी के रूप में जाना जाता है। ये उनका कोर वोटर है। इसकी वजह से दूसरी जातियों का वोट राजद को न के बराबर मिलता रहा। इसी समय 30% से ज्यादा EBC समुदाय और एससी को साधने की कोशिश नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने की। उन्हें 2010 के विधानसभा चुनाव में काफी सफलता भी मिली। 2020 विधानसभा चुनाव में इन्हें 22% से ज्यादा वोट मिला। हालांकि, 2020 विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने 10 लाख रोजगार का वादा किया। उन्होंने कहा कि राजद सिर्फ M-Y पार्टी नहीं बल्कि A टू Z पार्टी है, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। नीतीश अपने वोट बैंक को साधकर मजबूत नेता बन चुके थे। ---------------- ये भी पढ़ें... CM आवास में NDA नेताओं संग अमित शाह की मीटिंग:करीब 20 मिनट तक चली बैठक, सीएम नीतीश, चिराग समेत घटक दलों के लीडर मौजूद रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना एयरपोर्ट के लिए निकल गए हैं। इससे पहले वे गोपालगंज से सीधे सीएम आवास पहुंचे। यहां सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में NDA नेताओं की बैठक हुई, जिसमें विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई। करीब 20 मिनट तक बैठक चली। पूरी खबर पढ़िए
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