नकली होलोग्राम केस...अनवर-लखमा-टुटेजा सिंडिकेट पैटर्न पर कारोबार जारी:हर माह 24 लाख की शराब बिक्री; रायपुर के प्रिंटिंग शॉप से 40 हजार स्टिकर मिले

Apr 30, 2025 - 11:30
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नकली होलोग्राम केस...अनवर-लखमा-टुटेजा सिंडिकेट पैटर्न पर कारोबार जारी:हर माह 24 लाख की शराब बिक्री; रायपुर के प्रिंटिंग शॉप से 40 हजार स्टिकर मिले
छत्तीसगढ़ में नकली होलोग्राम केस में अनवर ढेबर, आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा सब जेल में हैं, लेकिन नकली होलोग्राम छपवाकर उसी तरह का कुछ लोग अवैध कारोबार कर रहे हैं। रायपुर में आबकारी विभाग की टीम ने एक ढाबे और प्रिंटिंग शॉप में रेड मारी। जहां से 40 हजार से भी ज्यादा होलोग्राम के साथ ही शराब बोतल के लेबल और ढक्कन मिले। अनवर-टुटेजा सिंडिकेट पैटर्न की तर्ज पर आबकारी में काम कर चुके ठेका कर्मियों ने नकली होलोग्राम बनाए, इस मामले में 2 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। जबकि रेड के बाद सिंडिकेट से जुड़े कुछ आरोपी बिहार फरार हो गए हैं। भास्कर की टीम की पड़ताल में ये सामने आया कि, रायपुर में ही अवैध शराब बेचकर हर महीने आबकारी विभाग को 24 लाख से ज्यादा की चपत लगाई जा रही थी। कैसे नकली होलोग्राम तैयार होता है, कौन है इस केस के मुख्य किरदार, चपत लगाने के पीछे का गणित बताएंगे आपको इस खास रिपोर्ट में:- पहले पुराने होलोग्राम घोटाले को समझिए- अब जानिए नया मामला क्या है? 20 अप्रैल, मंगलवार शाम करीब साढ़े चार बजे जिला आबकारी उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा को बताया गया कि नकली होलोग्राम का मामला सामने आया है और अवैध शराब बिकने की जानकारी दी। उपायुक्त ने टीम को फौरन कार्रवाई कर एफआईआर कराने कहा। टीम बीरगांव स्थित BH ढाबे पहुंची जहां अवैध शराब बिक रही है। टीम को ढाबा संचालक संकटमोचन के पास से एक थैला मिला। थैले में लेबल, होलोग्राम और ढक्कन मिले इस थैले के भीतर से टीम को 1460 नकली होलोग्राम के स्टिकर, देसी शराब के 1100 लेबल और 105 बोतल के ढक्कन मिले। इस संबंध में पूछताछ की गई तो संकटमोचन साफ तौर पर कुछ भी बताने से बच रहा था। सख्ती से पूछताछ पर संकटमोचन ने बताया कि ये सामान भिलाई के रहने वाले संदीप का है। संकटमोचन ने बताया कि साल 2013–14 के दौरान वो सिलतरा के एक शराब भट्‌टी में काम करता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात संदीप से हुई थी। संदीप तब बिचौलियों तक शराब पहुंचाने का काम किया करता था। कुछ महीने पहले संदीप ने उसे नकली होलोग्राम प्रिंट कराने का काम दिया। पैसों के लिए वो राजी हो गया। इसके बाद उसने अपने एक प्रिंटिंग शॉप वाले से संपर्क किया और नकली होलोग्राम प्रिंट कराकर संदीप तक पहुंचाने लगा। बल्क में तैयार किया जा रहा था नकली होलोग्राम इसके बाद आबकारी टीम संकटमोचन को लेकर बीरगांव के प्रिंटिंग शॉप पर पहुंची। यहां शॉप ओनर गणेश चौरसिया अपने एक साथी के साथ नकली होलोग्राम की शीट कटिंग कर रहा था। शॉप से करीब 371 शीट बरामद की गई। एक शीट में करीबन 110 से 120 स्टीकर्स थे। इस तरह 40 हजार से ज्यादा स्टीकर्स गणेश चौरसिया के पास से मिले। चौरसिया ने पूछताछ में एक नया नाम लिया। कहा कि, ये रंजीत गुप्ता के ऑर्डर पर प्रिंट किया गया है। वो कुछ देर में ऑर्डर लेने आएगा। टीम ने इंतजार किया लेकिन नहीं पहुंचा रंजीत आबकारी की टीम ने करीब घंटे भर तक रंजीत का इंतजार किया लेकिन वो नहीं पहुंचा। दरअसल, रेड के बारे में रंजीत को अपने लोकल सोर्स से पता चल गया था। जिसके चलते वो फरार हाे गया। इसके बाद संकटमोचन और गणेश को पुलिस के हवाले कर दिया गया। आरोपियों के बीच कोई कॉमन कनेक्शन नहीं इस केस में अब तक चारों का कोई कॉमन कनेक्शन सामने नहीं आया है। सिर्फ इतना ही पता चल सका है कि संदीप के कहने पर ढाबा मालिक संकटमोचन काम कर रहा था। और रंजीत के कहने पर प्रिंटिंग ऑनर गणेश चौरसिया। हालांकि गणेश चौरसिया संदीप, रंजीत और संकटमोचन तीनों को जानता था। महीने भर में 70 हजार होलोग्राम का ऑर्डर पुलिस पूछताछ में प्रिंटिंग शॉप मालिक गणेश ने बताया, महीने भर पहले ही उसकी मुलाकात रंजीत से हुई थी। रंजीत उसके बड़े भाई का दोस्त है। एक महीने में वो करीब 70 हजार नकली होलोग्राम प्रिंट करा चुका था। 30 हजार की डिलीवरी ले चुका था। बाकी बचे 40 हजार की डिलीवरी 20 अप्रैल को होने वाली थी। अलग–अलग दुकानों से होलोग्राम प्रिंट कराता था गणेश जांच में ये भी सामने आया है कि गणेश सिर्फ नकली होलोग्राम को सीरियल के हिसाब से सेट करता था। यानी उसका काम सिर्फ अलाइनमेंट तक ही सीमित था। उसे होलोग्राम मार्क रंजीत प्रोवाइड कराता था। इसके अलावा होलोग्राम टेम्पलेट्स के प्रिंटिंग का काम वो शहर के अलग–अलग प्रिंटिंग हाउस से कराता था। मोमिन पारा में स्थित एक ऐसे ही प्रिंटिंग हाउस के संचालक ने बताया कि गणेश ने उनसे 50 सेट (करीब होलोग्राम के 8 हजार स्टीकर्स) प्रिंट कराए थे। अब समझिए इसका गणित अब तक जो जांच हुई है, उसके मुताबिक आरोपी ज्यादातर देसी शराब के लिए नकली होलोग्राम, लेबल तैयार कर रहे थे। इसे ये 80 रुपए के भाव से बेच रहे थे। ये लोग 30 हजार नकली होलोग्राम स्टीकर्स महीने भर में खपा चुके थे। इस लिहाज से करीब 24 लाख रुपए की चपत तो आरोपियों ने महीने भर में ही आबकारी विभाग को लगाई है। भास्कर को मौके से मिले कई शराब बोतल के कैप भास्कर की टीम को संकटमोचन के ढाबे से देश शराब के बोतल कई कैप्स मिले। इन कैप्स पर नकली होलोग्राम और QR कोड लगे हुए थे। इसके अलावा पुलिस ने बताया था कि आरोपी सिर्फ देशी शराब के होलोग्राम बना रहे थे। लेकिन हमें मौके से छत्तीसगढ़ के लोकल प्रीमियम बीयर ब्रांड के भी कई कैप्स मिले। ऐसे में संभावना है कि कई बड़े प्लेयर्स के नाम भी इस नकली होलोग्राम केस में सामने आ सकते हैं। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही हालांकि केस से जुड़े दो मुख्य आरोपी रंजीत और संदीप अभी फरार हैं। पुलिस इन दोनों की तलाश में जुटी हुई। इसके बाद ही इस मामले में जांच आगे बढ़ पाएगी। इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के पास से एक पेनड्राइव भी जब्त किया है। हालांकि इसमें टेम्पलेट्स के अलावा पुलिस को कुछ और खास मिला नहीं है। .................................. नकली होलोग्राम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... नकली होलोग्राम से 40 लाख पेटी शराब बेची...कमाए 1660 करोड़:सरकारी दुकान में रखे गए गल्ला सदस्य; होटल वेनिंगटन में बना 'लिकर-स्कैम' का सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में शराब दुकानों से 4 साल में (2019 से 2023 तक) नकली होलोग्राम से 40 लाख पेटी से ज्यादा शराब बेची गई। इसकी बिक्री और कमीशन से 1 हजार 660 करोड़ 41 लाख 56 रुपए की कमाई सिंडिकेट के सदस्यों की हुई थी। ये कमीशन डिस्टलरी संचालकों से लिया गया। पढ़ें पूरी खबर

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