आंधी से शाजापुर-सारंगपुर के बीच रेल ट्रैक पर पेड़ गिरा:इंदौर-कोटा, बांद्रा-झांसी और इंदौर-अमृतसर एक्सप्रेस रोकी गई; मंडला में तेज हवा के साथ ओले गिरे

Apr 29, 2025 - 23:00
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आंधी से शाजापुर-सारंगपुर के बीच रेल ट्रैक पर पेड़ गिरा:इंदौर-कोटा, बांद्रा-झांसी और इंदौर-अमृतसर एक्सप्रेस रोकी गई; मंडला में तेज हवा के साथ ओले गिरे
मध्यप्रदेश में मंगलवार को गर्मी, बारिश, आंधी और ओले वाला मौसम रहा। शाम को शाजापुर-सारंगपुर के बीच तेज हवा और आंधी के कारण रेलवे की ओएचई लाइन पर पेड़ गिर गया। इससे मक्सी-विजयपुर रेल ट्रैक पर रात 10 बजे तक यातायात शुरू नहीं हो सका। इधर, दोपहर में मंडला में तेज बारिश हुई और ओले गिरे। रीवा, सतना, बालाघाट समेत कई जिलों में मौसम बदला और बारिश का दौर शुरू हो गया। दूसरी ओर, 8 शहर ऐसे हैं, जहां तापमान 43 डिग्री के पार पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ की वजह से ऐसा मौसम है। भोपाल में सुबह से ही बादल छाए रहे। हालांकि, गर्मी का असर बरकरार रहा। यहां मंगलवार को अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री, इंदौर में 42.6 डिग्री, ग्वालियर में 38.8 डिग्री, उज्जैन में 43 डिग्री और जबलपुर में 40 डिग्री दर्ज किया गया। 8-10 मिनट पहले ही सुपरफास्ट ट्रेन गुजरी थी शाजापुर-सारंगपुर के बीच रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से महज 8-10 मिनट पहले ही वाराणसी साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस वहां से गुजरी थी। इस वजह से एक बड़ा हादसा टल गया। सूचना मिलते ही ब्यावरा स्टेशन से टावर वैगन के साथ मरम्मत दल को फौरन घटनास्थल भेजा गया। इस दौरान इंदौर-कोटा इंटरसिटी को सोनेरा-पीरखेड़ी स्टेशन पर रोका गया। यह ट्रेन शाम से रात 10 बजे तक वहीं खड़ी रही। बांद्रा-झांसी एक्सप्रेस को शाजापुर स्टेशन पर रोका गया, जो रात साढ़े 10 बजे तक वहां रुकी रही। जिससे ब्यावरा स्टेशन पर यातायात ठप रहा। रात 10 बजे तक यातायात बहाल नहीं रेल मंडल भोपाल के डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी ने बताया कि ब्यावरा और शाजापुर से टीमें भेजी गईं। टीमों ने शाम को पेड़ हटाने और ओएचई लाइन की मरम्मत का काम शुरू किया। रात 10 बजे तक यातायात बहाल नहीं हो सका। हालांकि एनडीआरएफ की टीम मौके पर लाइन को दुरुस्त करने में लगी रही। पढ़ें पूरी खबर... शाजापुर में सबसे ज्यादा गर्मी रही मंगलवार को शाजापुर में सबसे ज्यादा गर्मी रही। यहां तापमान 43.6 डिग्री दर्ज किया गया। गुना में 43.5 डिग्री, खजुराहो में 43.4 डिग्री, रतलाम में 43.2 डिग्री, धार, रायसेन-नरसिंहपुर में 43 डिग्री, सागर-टीकमगढ़ में 42.8 डिग्री, खंडवा-दमोह में 42.5 डिग्री और खरगोन में पारा 42.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मलाजखंड में पारा 11.2 डिग्री लुढ़का इधर, बालाघाट का मलाजखंड पूरे प्रदेश में ठंडा रहा। यहां एक ही दिन में पारे में 11.2 डिग्री की गिरावट हुई और यह 25.9 डिग्री सेल्सियस तक आ गया। सीधी में 4 डिग्री की गिरावट के बाद 34.2 डिग्री दर्ज किया गया। इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में 35.6 डिग्री, सिवनी में 38.2 डिग्री और मंडला में पारा 38.8 डिग्री सेल्सियस रहा। भोपाल-इंदौर समेत 17 शहरों में पारा 40 डिग्री के पार आंधी और बारिश के बीच सोमवार को मध्यप्रदेश में गर्मी का असर भी तेज रहा। ग्वालियर में पारा 44 डिग्री के पार पहुंच गया। एक ही दिन में 3.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन के साथ प्रदेश के 17 शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार रहा। मौसम विभाग के अनुसार, धार में 42.9 डिग्री, नरसिंहपुर में 42.2 डिग्री, खंडवा में 42.1 डिग्री, खरगोन-गुना में 42 डिग्री, शाजापुर में 41.4 डिग्री, सागर-नौगांव में 41.1 डिग्री, दमोह, रायसेन-खजुराहो में 41 डिग्री और नर्मदापुरम में 40.6 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो उज्जैन में सबसे ज्यादा 42 डिग्री, भोपाल में 41.2 डिग्री, इंदौर में 41.4 डिग्री, ग्वालियर में 41.8 डिग्री और जबलपुर में पारा 38.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एमपी में कितना तापमान, ग्राफिक्स ये जानिए... ऐसा रहेगा अप्रैल का आखिरी सप्ताह अप्रैल में ऐसा रहा अब तक का मौसम अप्रैल के पहले, दूसरे और तीसरे सप्ताह में तेज गर्मी और बारिश का दौर बना रहा। पहले सप्ताह में सभी संभागों में सामान्य से 2-3 डिग्री ज्यादा 21-24 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, दिन में पश्चिमी गर्म हवाओं के कारण अधिकतम तापमान इंदौर, सागर और नर्मदापुरम संभागों में सामान्य से ज्यादा 39 से 44 डिग्री तक पहुंच गया। उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर समेत बाकी संभागों में यह 41 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। पहले सप्ताह रतलाम में लू चल चुकी है। वहीं, बाकी शहरों में गर्म हवाओं से गर्मी बढ़ी रही। दूसरे सप्ताह में पूरे प्रदेश में तेज आंधी, बारिश, ओले और गरज-चमक की स्थिति बनी रही। प्रदेश के 80 प्रतिशत हिस्से में बारिश हुई। दूसरी ओर, कुछ जिलों में गर्मी का असर भी रहा। तीसरे सप्ताह में उत्तर-पश्चिमी हवाओं के जोर पकड़ने के साथ इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, नर्मदापुरम संभागों में न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। वहीं, पूरे प्रदेश में दिन में अधिकतम तापमान 40 से 44 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा रहा। कई जिलों में लू भी चली। अब जानिए, 10 साल की डेटा बेस्ड स्टडी के बारे में मध्यप्रदेश में अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से गर्मी का असर तेज होने लगता है। महीने के आखिरी दिनों में तो तापमान रिकॉर्ड तोड़ देता है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के 10 साल की डेटा बेस्ड स्टडी में सामने आया कि भोपाल-इंदौर में पारा 43 डिग्री तक पहुंचा जबकि जबलपुर में आंकड़े ने 44 डिग्री को छू लिया। ग्वालियर में तो तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। पिछले तीन साल इन शहरों में तेज गर्मी पड़ी। इस बार भी तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। कई शहरों में तो पारा 44 डिग्री के पार पहुंच चुका है। भोपाल: 1996 में पड़ी थी सबसे ज्यादा गर्मी, बारिश भी हुई अप्रैल में गर्मी के ट्रेंड की बात करें तो भोपाल में 29 अप्रैल 1996 को अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। इस महीने भोपाल में बारिश-आंधी के आसार भी बनते हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों से अप्रैल में बारिश का दौर चल रहा है। 20 अप्रैल 2013 को भोपाल में 24 घंटे के भीतर 30.8 मिमी यानी एक इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, 2023 में 22.6 मिमी पानी गिरा था। 17-18 अप्रैल को तापमान 40.9 डिग्री सेल्सियस रहा था। इस बार पारा 42 डिग्री के पार पहुंच चुका है। इंदौर में पिछले साल गिरा था 22.3 मिमी पानी इंदौर में भी पारा 44 डिग्री के पार पहुंच चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, 25 अप्रैल 1958 को सर्वाधिक 44.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। इस महीने यहां भी मौसम में बदलाव देखने को मिलता है। इसके चलते बादल छाए रहते हैं तो बौछारें भी गिरती हैं। इंदौर में पिछले साल 22.3 मिमी बारिश हुई थी। वर्ष 2014 से 2024 के बीच 6 साल बारिश हो चुकी है। जबलपुर में तेज गर्मी का ट्रेंड जबलपुर की बात करें तो यहां एक बार पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 28 अप्रैल 1970 को दिन का तापमान 45.4 डिग्री रहा था। अप्रैल में यहां भी बारिश होने की संभावना रहती है। रिकॉर्ड के अनुसार, 3 अप्रैल 1935 को 24 घंटे के भीतर 50.3 मिमी बारिश हुई थी, जो दो इंच के करीब है। 2023 में 20.2 मिमी बारिश हुई थी। इस साल 19 अप्रैल को अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। इस बार भी जबलपुर में तेज गर्मी है। ग्वालियर में पड़ रही सबसे ज्यादा गर्मी ग्वालियर में अप्रैल की गर्मी का ट्रेंड बाकी शहरों से अलग रहता है। यहां ज्यादा गर्मी पड़ती है। बीते 10 साल में यहां पारा एक बार 45 डिग्री और 3 बार 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। 28 अप्रैल 1958 को तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। एक दिन में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड वर्ष 1909 में बना था। 22 अप्रैल को कुल 67.6 मिमी बारिश हुई थी। इसी साल अप्रैल महीने में साढ़े 4 इंच पानी गिरा था। 2023 में भी बारिश हुई थी। इस बार भी ग्वालियर में तेज गर्मी का असर है। उज्जैन में भी गर्मी का असर तेज उज्जैन में भी अप्रैल महीने में गर्मी और बारिश का ट्रेंड रहता है। 18 अप्रैल 2010 को तापमान रिकॉर्ड 45.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। वहीं, 2014 से 2023 के बीच दो बार पारा 43 डिग्री के पार जा चुका है। पिछले साल एक बार तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। वहीं, पूरे महीने 1 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई थी।

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