इलाहाबाद हाईकोर्ट बोला- SP बलिया भाषा में सुधार करें:हलफनामे में कहा था- किसी अदालत के आदेश पर पुलिस उपलब्ध कराएंगे; सावधान रहने की नसीहत

May 9, 2025 - 11:00
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इलाहाबाद हाईकोर्ट बोला- SP बलिया भाषा में सुधार करें:हलफनामे में कहा था- किसी अदालत के आदेश पर पुलिस उपलब्ध कराएंगे; सावधान रहने की नसीहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने SP बलिया ओमवीर सिंह की ओर से पेश किए गए शपथपत्र में प्रयुक्त भाषा पर नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने भविष्य में भाषा में सुधार लाने की नसीहत भी दी है। बलिया के SP ओमवीर सिंह ने हलफनामे में लिखा- 'किसी अदालत के किसी आदेश' के पालन में पुलिस बल उपलब्ध कराएंगे। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायालय एक पवित्र संस्था है। उसे किसी अदालत के रूप में नहीं, जिला जज बलिया या सिविल जज सीनियर डिवीजन बलिया कहकर संबोधित किया जाना चाहिए। तहसीलदार सहायक कलेक्टर होता है, SP के अधीनस्थ नहीं : HC कोर्ट ने SP को न्यायालय की गरिमा का पाठ पढ़ाते हुए कहा- तहसीलदार, सहायक कलेक्टर होता है। वह पुलिस अधीक्षक का अधीनस्थ नहीं होता। अगर तहसीलदार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने जा रहा है तो वह SP को एक मांग पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी देगा। SP को स्वयं यह आकलन करना होगा कि कार्रवाई के लिए कितने पुलिस बल की आवश्यकता है। ताकि, बेदखली आदेश का पालन करने के लिए राज्य को शर्मिंदगी न उठानी पड़े। SP बलिया को भविष्य में सावधान रहने की नसीहत के साथ उनको बेहतर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। याचिका की सुनवाई 9 मई को दोपहर बाद होगी। पत्थरबाजी के चलते अतिक्रमण नहीं हटवा सके थे तहसीलदार ये आदेश जस्टिस जेजे मुनीर ने गजेंद्र उर्फ धर्मात्मा की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। गजेंद्र बलिया के रसड़ा के रहने वाले हैं। सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण किया था। जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जनहित याचिका दाखिल की गई। कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार रसड़ा ने मौका मुआयना किया। इसके बाद अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया, लेकिन पत्थरबाजी के चलते अतिक्रमण हट नहीं पाया। तहसीलदार रसड़ा ने कहा- पुलिस फोर्स नहीं मिली, इसलिए अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। इस पर कोर्ट ने SP से शपथपत्र मांगा था। SP बोले- 26 मई को पुलिस बल देंगे हाईकोर्ट ने SP से हलफनामा मांगा तो उन्होंने हलफनामा दाखिल कर कहा- तहसीलदार ने 26 मई को अतिक्रमण हटाने की तिथि तय कर पुलिस फोर्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इससे पहले 3 मई को तहसीलदार का प्रार्थना पत्र कोतवाली को मिला था। तुरंत कार्रवाई की गई और अतिक्रमण करने वालो के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। 26 मई को पुलिस बल भी दिया जाएगा। FIR कोर्ट के आदेश पर किया, कोई महान काम नहीं : HC हाईकोर्ट ने कहा- तहसीलदार को पुलिस बल देने का अनुरोध करने की आवश्यकता नहीं है। उसे केवल अभियान में उठाए जाने वाले कदमों की सूचना देनी है। जिस पर आवश्यकता अनुसार पुलिस दी जाएगी। कोर्ट ने SP बलिया के हलफनामे पर नाराजगी जताई। कहा- FIR कोर्ट आदेश के बाद दर्ज किया। कोई महान काम नहीं किया है। इसलिए वह बेहतर हलफनामा दाखिल करे। ------------------- ये खबर भी पढ़िए- निर्भया की वकील लड़ेंगी कानपुर IIT रिसर्च स्कॉलर का केस, बोलीं- यह शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न नहीं, रेप और लव-जेहाद का मामला सुप्रीम कोर्ट की चर्चित वकील सीमा समृद्धि अब कानपुर आईआईटी रिसर्च स्कॉलर का केस लड़ेंगी। सीमा ने निर्भया कांड के दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया था। सीमा अब एसीपी मोहसिन को हाईकोर्ट से मिली अरेस्टिंग और चार्जशीट पर स्टे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी। इसके साथ ही वह पीड़िता पर दर्ज क्रॉस एफआईआर को खारिज कराने के लिए भी हाईकोर्ट जाएंगी। एडवोकेट ने फोन पर दैनिक भास्कर से कहा कि यह रेप और लव जेहाद का मामला है। जल्द ही इस केस में वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर आरोपी को सलाखों के पीछे भिजवाएंगी। बाद में वह सख्त सजा दिलाएंगी। पढ़ें पूरी खबर...

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