भोजपुर की 6% बेटियां बाल विवाह के बाद UP जाती:28 साल बड़े लड़के से शादी, मैट्रिक-इंटर में फर्स्ट करने के बाद भी जिंदगी से कंप्रोमाइज

May 5, 2025 - 11:30
 0  0
भोजपुर की 6% बेटियां बाल विवाह के बाद UP जाती:28 साल बड़े लड़के से शादी, मैट्रिक-इंटर में फर्स्ट करने के बाद भी जिंदगी से कंप्रोमाइज
भोजपुर में लगातार बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं। एक आकड़े के मुताबिक जिले की करीब 6 प्रतिशत कम उम्र की लड़कियों की शादी तय कर दी जाती है और इन्हें यूपी भेज दिया जाता है। 28 साल तक के बड़े लड़के से शादी करवाने का मामला सामने आया है। इंटर-मैट्रिक में अच्छे नंबर से पास होने के बाद भी बच्चियां परिवार के फैसले लिए अपने जीवन से समझौता करने के लिए तैयार है। दरअसल, बिहार में बाल विवाह को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। लेकिन आज भी ग्रामीण इलाकों की बच्चियों की शादी किशोरावस्था में कर दी जा रही है। किशोरावस्था में शादी से युवा महिलाओं और लड़कियों को उनके हक से वंचित कर दिया जा रहा है। हालांकि इसके रोकथाम के लिए कई संगठन काम कर रहे हैं। पांच में से 2 लड़कियों की शादी कम उम्र में तय पिछले 10 सालों में बाल विवाह के प्रतिशत में कमी भी आई है, लेकिन यह संख्या अभी भी बहुत अधिक मानी जा सकती है। रिपोर्ट की माने तो अभी भी बिहार में लैगिंक असमानता की वजह से बाल विवाह के सुधार में कठिनाइयां होती है और पांच में से 2 लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है। प्रदेश में बाल विवाह का मुख्य कारण शिक्षा का अभाव,जन जागरूकता और गरीबी को माना जा सकता है। बाल विवाह के ज्यादातर मामले गरीब परिवार की बच्चियों को लेकर सामने आ रहे है। जिनमें रिक्शा चालक, मजदूर या ऐसा परिवार है जहां कोई कमाता नहीं, या जहां लड़कियों की जनसंख्या ज्यादा है। भोजपुर में भी बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं। जिसकी रोकथाम के लिए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एंड एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन नाम का संगठन काम कर रहा है। पिछले दो सालों से लगातार कठिनाइयों का सामना करते हुए जन जागरूक करने में संगठन जुटा हुआ है। एक साल में 735 बाल विवाह जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एंड एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन संगठन सहयोगी संस्था दिशा एक प्रयास के सचिव सुनीता सिंह ने जानकारी दी। इन्होंने बताया कि पिछले एक साल में भोजपुर से 735 आंकड़े सामने आए है, जिनका बाल विवाह हो रहा था। शादी को संगठन ने रोका है। यह आंकड़े केवल एक साल के है। करीब 6 प्रतिशत लड़कियों की शादी कम उम्र में यूपी के लड़कों से तय की जा रही है। सुनीता ने बताया कि भोजपुर में बाल विवाह का मामला सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों से आता है। जिसमें पीरो प्रखंड से मामले अधिक है। सूचना मिलने पर टीम पहुंचती है। फिर उस शादी को रोकती है, इस दौरान बहुत खतरा होता है। कई बार धमकियां भी मिलती है। इसलिए स्थानीय थाना और स्थानीय प्रशासनों और जनप्रतिनिधियों की मदद से विवाह रोकना पड़ता है। सुनीता सिंह ने ऐसे कई केस के बारे में बताया है, जिसमें लड़कियों की उम्र 14 साल से लेकर 17 साल तक रही है। उनसे शादी करने वाले लड़कों की उम्र लड़कियों की उम्र से डेढ़ गुना और दो गुना रहा है। बच्चे और मां दोनों को जान का खतरा किशोरावस्था में शादी करने से गर्भधारण, मातृ और बाल मृत्यु, घरेलू हिंसा और पीढ़ी दर पीढ़ी में कठिनाइयां बढ़ सकती है। कम उम्र में गर्भधारण से बच्चे और मां दोनों को जान का खतरा बढ़ सकता है। कुपोषण का भी शिकार हो सकते है। सुनीता सिंह के मुताबिक बाल विवाह के दो सालों में करीब 11 सौ से ज्यादा मामले हुए जिनको उन्होंने और उनके संगठन ने रोका है। उनकी टीम बाल विवाह को रोकने में लगातार प्रयासरत है। सुनीता सिंह ने जिले के कई ऐसे मंदिरों के नाम के बारे में जानकारी दी है, जो पैसा लेकर बाल विवाह कराते है। जिसमें जिले के बहुत बड़े-बड़े मंदिर है। जिस पर यह आरोप लगाया गया है। दलाल की मदद से शादी की जाती तय सुनीता सिंह ने दस बड़े मंदिर पर बाल विवाह कराने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि जिले में सबसे ज्यादा शादी करने के लिए उत्तर प्रदेश के लोग आते है। दलाल की मदद से शादी को तय कराया जाता है। दहेज की राशि भी सीमित होती है, ताकि आसानी से शादी हो जाए। उसके बाद एक कम उम्र की लड़की से शादी करा दी जाती है। जिले के गांगी गौसगंज के पास एक मंदिर में सबसे ज्यादा कम उम्र की लड़कियों की शादी होती है। जहां उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा लड़के आते है। शादी करके अपने साथ ले जाते है, उसके बाद लड़की कहां है कहां नहीं कुछ पता नहीं चल पाया है। मंदिर से भी कई शादियों को संगठन की ओर से रुकवाया गया है। लेकिन सवाल यह है कि इन चिन्हित मंदिरों में बार-बार बाल विवाह का मामला सामने आ रहा है, लेकिन उचित कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। पटना की रहने वाली लड़की की कम उम्र में शादी पीड़ित नाबालिग (16) ने कहा मंदिर में दो दिन पहले एक बाल विवाह कराया जा रहा था। लेकिन शादी से पहले ही जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एंड एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन के सहयोगी संगठन दिशा एक प्रयास टीम ने पहुंचकर शादी को रुकवा दिया। लड़की की उम्र महज 16 साल थी और लड़के की उम्र 42 साल थी। काफी देर तक वाद विवाद के बाद शादी को रोक दिया गया। विवाह तीयर थाना क्षेत्र के रहने वाले 42 साल के युवक से कराई जा रही थी। लड़की की उम्र केवल 16 साल है। जो पटना की रहने वाली है। ये इंटर और दसवीं में फर्स्ट डिवीजन से पास की थी। लड़की से जब पूछा गया वह ये शादी क्यों कर रही है तो उसने बताया कि उसके पिता कोई काम नहीं करते है। उसकी एक छोटी बहन भी है, ऐसे में घर की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। इंटर पढ़ लेने के बाद अब आगे नहीं पढ़ना चाहते है। परिवार के लिए जिंदगी से कंप्रोमाइज परिवार के लिए अपनी जिंदगी से कंप्रोमाइज कर रहे हैं। इसलिए शादी हो रही है। लड़की ने इंग्लिश में नाम पूछने पर बताया। शादी में दहेज के तौर पर तीस हजार और बर्तन दिए गए थे। 42 साल का युवक जीरो माइल के एक निजी होटल में काम करता है। हालांकि काफी देर बहस के बाद शादी को रोका गया। लड़की के हाथ और पैर में मेहंदी,हिंदू–रीति रिवाज से जुड़ी सभी रस्म पूरी कर ली गई थी। मंदिर में शादी का गीत गाया जा रहा था । लड़की की आंखों में नहीं दिखी खुशी लड़की को छोड़कर सभी के आंखों में खुशी देखी जा रही थी। शादी से जुड़ी सभी सज्जा समान भी आए थे । जब टीम ने जबरन शादी कर रहे परिवार को डराया तो लड़की फुटकर रोने लगी। इसके बाद लड़की के परिवार वाले से लिखित में लेने के बाद उन्हें घर भेजा गया। हालांकि यह पहला मामला नहीं है। संगठन ने दो सालों में 11 सौ से ज्यादा बाल विवाह को रुकवाया है। एक साल में 735 शादी को रोकने का काम किया है। जिसमें बाल विवाह हो रही थी। इसमें गरीब तबके के लोग ज्यादा पाए गए है। पढ़ना चाहती थी, लेकिन माता-पिता ने शादी ठीक कर दी 18 साल की रूपा (काल्पनिक नाम) ने बताया कि मेरे माता–पिता ने समाज के दबाव में आज से दो साल पहले तय कर दी गई थी। मुझे पता नहीं था कि मेरी शादी ठीक हुई है,मैं पढ़ना चाहती थी। लेकिन समाज और बेटी को जल्द हटाने की जिद्द ने मुझे शादी के बंधन में झोंक दिया था। अचानक घर पर सभी रस्मों को पूरा कर दिया गया,फिर मुझे मंदिर में ले जाया गया। वहां भी रस्में पूरी की जा रही थी,हाथों में मेहंदी,आंखों में दर्द लेकिन परिवार के दबाव में मंदिर के कोने में बैठी थी। मुझसे कई साल बड़े से शादी तय हुई थी। अभी उठकर मंदिर के मंडप में जा ही रहे थे तभी दिशा एक प्रयास की टीम ने धावा बोला और मेरी शादी नहीं होने दी गई। माता-पिता के गलत कदम उठाने का था डर डर तो लग रहा था कि मेरे माता–पिता कुछ गलत कदम नहीं उठा लें। लेकिन टीम ने समझाया,इसके बाद मुझे घर ले जाया गया। कई दिनों तक परिवार के लोग ढंग से बात नहीं कर रहे थे । उन्हें लगता था कि मैंने ही कुछ किया। समय बीतता गया और कुछ ठीक होता गया। शादी के वक्त मैं मैट्रिक की पढ़ाई कर रही थी। मेरी शादी नहीं हुई, तो मैं बहुत खुश हूं, आगे कुछ करना चाहती हूं। अभी भी मैं पढ़ाई कर रही हूं। आज मैं इंटर की पढ़ाई रही हूं। पढ़ाई पूरी कर नौकरी करना चाहती हूं । मैं अपने परिवार के लिए कुछ करना चाहती हूं । बिहार और भारत सरकार को कड़े कानून बनाने चाहिए। कानून के बनने के बाद भी आज बाल विवाह हो रहा है। लेकिन उस पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए। मैं विनती करना चाहती हूं, जो भी परिवार अपने बच्ची की शादी कम उम्र में कर रहे है, वो ना करें। उन्हें आगे उनके सपने को पूरा करने में मदद करें। 'शादी का मतलब क्या होता है मुझे नहीं पता' 30 साल की पिंकी (काल्पनिक नाम) ने बताया कि परिवार वालों ने मेरी शादी कम उम्र (16) में काफी बड़े एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से तय कर दी थी। मेरे दो बेटे हैं। बड़े बेटे की उम्र करीब 9 साल और दूसरे बेटे की उम्र 7 साल है। शादी के 3 साल बाद मेरा बेटा हुआ था। जब मेरी शादी हुई तब मुझे पता ही नहीं था की शादी का सुख क्या होता है। जब से शादी हुई है तब से आज तक मैं परेशान हूं। मुझे आज तक नहीं पता चला कि शादी के बाद का रिलेशन क्या होता है। कैसे रहना चाहिए, शादी का मतलब क्या है। यह आज तक नहीं समझ में आया। कम उम्र में बहुत कुछ सीखने को मिला है। जब मेरा बेटा पैदा हुआ था, तब मुझे दूध पिलाने भी नहीं आता था। मैं अपनी मां के भरोसे उसे रख कर जाती थी। शादी के बाद से ही शारीरिक दुख झेल रहे है । मैं भगवान से हमेशा दुआ करती हूं कि मेरे जैसी जिंदगी किसी और लड़कियों को ना दे। शादी के 2 महीने बाद पति ने काम करना छोड़ा शादी के एक-दो महीने तक मेरे पति ने काम किया, लेकिन आज तक वह घर पर बैठकर खाते हैं। शादी के कुछ दिन बाद ही उनका दिमाग डिस्टर्ब रहने लगा। अपने बच्चों के पालन पोषण के लिए मैं आज काम करने पर मजबूर हूं। शादी के 8 महीने के बाद जब मैं अपने मायके आई, तो सारी बातें अपनी मां को बताया। मां को परेशानी बताने के बाद सभी लोगों ने मुझसे झूठ कहा कि वह अब ठीक हो गए हैं। दोनों बच्चों को मैं अपने दम पर पढ़ा रही हूं। जो भी काम मुझे मिलता है, वह मैं कर लेती हूं। ताकि जो मैंने जिंदगी जी है वह जिंदगी मेरे बच्चों को नहीं मिले। आज तक अपने आप पर मुझे दुख होता रहा है कि मेरी कम उम्र में शादी कर दी गई, जिसके कारण मैं अपना बचपन तक नहीं देख पाई। अब इस उम्र में हमारी शादी होनी चाहिए थी। दूसरे लड़कियों को देखती हूं कि जिस उम्र में उनकी शादी हो रही है, तो काफी दुख होता है। जिस चीज की जानकारी मुझे नहीं थी, वह जानकारी आज के बच्चों में देखने को मिलता है। एक साल में 735 बाल–विवाह रुका बिहिया ब्लॉक–अमराई नवादा–21,अमिया–4, घाघा–8,कल्याणपुर–12,कटेया–42,मोतीरामपुर–20,नारायणपुर–19, निरनपुर–11, सुहिया–4, होरिल छपरा–3, टिपुरा–10 बाल विवाह रोका गया। आरा सदर प्रखंड–अमरपुर मरवटिया–16,भेड़िया–15, बेहरा–4,बखरिया–5,दरियापुर–3,धमार–13,दुलारपुर–3, गंगहर–7, घोड़ादेई–3,जमीरा–25,खजुरिया–39,खुशहालपुर–5,कौशिक दुलारपुर–2, कुदिया–12,मैनपुरा–7, बागीपाकड़–4,पुरुषत्मपुर–3,टेनुआ–4,उदयपुर–7 केस सामने आए। कोईलवर प्रखंड–अम्बा नरबीरपुर–11,बहियारा–29, दौलतपुर–14,इंग्लिशपुर–24, फरहांगपुर–46,गोपालपुर–13, हरंगी टोला–8,जमालपुर–23,काजीचक–12, कोशिहान–32,लोदीपुर–25,महादेव चक–13, मानाचक–16,नारायणपुर–11,नरबीरपुर–30, नाया हरीपुर–5,नया मोहम्मदपुर–7, राजापुर–6, खनगांव–32,मानपुर–3 उदवंतनगर प्रखंड के सरथुआ में 38 और पीरो प्रखंड के चपटही गांव में 1 बाल विवाह का केस सामने आया है। सरकार बाल विवाह को रोकने का कर रही प्रयास बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक आलोक गौतम ने बताया कि विभाग और संस्था हर संभव तरीके से बाल विवाह को रोकने का प्रयास कर रही है। गांव के लोगों में शिक्षा की कमी है, जिसको लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं। दिशा एक प्रयास की सचिव सुनीता अच्छा काम कर रही है, जो हमारे गुप्तचर है वो बराबर सूचना देने का काम करते है। सभी मंदिरों में सरकार के दिशा निर्देश के साथ महंत और कमेटी को दिशा निर्देश दिया गया है।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0
Pehli Khabar Pehli Khabar भारत का सबसे तेज़ ऑनलाइन न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जहाँ आपको मिलती हैं ताज़ा खबरें सबसे पहले। हम खासतौर पर क्रिकेट, बिजनेस, बॉलीवुड, राष्ट्रीय खबरें, और टेक्नोलॉजी जैसी टॉप कैटेगरी में रीयल टाइम अपडेट्स देते हैं। सीधी और सटीक जानकारी के साथ, हम आपको रखते हैं हर बड़ी खबर से जुड़ा – कहीं भी, कभी भी। Pehli Khabar – हर खबर सबसे पहले। 🌐 pehlikhabar.com