पानी का झगड़ा बढ़ा, भाखड़ा डैम पर पंजाब पुलिस लगाई:केंद्र ने पंजाब कैडर का BBMB का डायरेक्टर बदला, हरियाणा कोटे का अफसर लगाया
हरियाणा और पंजाब के बीच चल रहे भाखड़ा नहर से पानी के विवाद के बीच भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने भाखड़ा डैम के डायरेक्टर (वाटर रेगुलेशन) इंजी. आकाशदीप सिंह को हटा दिया है। वह पंजाब के कोटे से BBMB में तैनात थे। उनकी जगह अब इंजी. संजीव कुमार को डायरेक्टर रेगुलेशन लगाया गया है। संजीव हरियाणा के कोटे से बोर्ड में नियुक्त हैं। संजीव इससे पहले डैम सेफ्टी के डायरेक्टर थे। उनकी जगह पर इस डैम सेफ्टी के डायरेक्टर पद पर आकाशदीप को नियुक्त कर दिया गया है। ऑर्डर में दावा किया गया है कि यह फैसला आकाशदीप की ही मांग पर किया गया है। वहीं पंजाब सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया है। उन्होंने BBMB को लिखा कि संजीव कुमार को सिर्फ डेम सेफ्टी का अनुभव है। वाटर रेगुलेशन को लेकर उनके पास कोई अनुभव नहीं है, इसलिए इस नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। हालात देख पंजाब सरकार ने नंगल डैम की सुरक्षा बढ़ा दी है। यहां DIG की अगुआई में पुलिस तैनात कर दी गई है। हरियाणा को ज्यादा पानी देने से रोकने के लिए सरकार और भी कदम उठा सकती है। बता दें कि पंजाब ने करीब 17 दिन से भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4 हजार कर दिया। पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पानी मार्च में ही खत्म कर चुका है। वह 4 हजार क्यूसिक भी मानवता के आधार पर दे रहे हैं। डायरेक्टर बदलने के आदेश BBMB का फैसला- हरियाणा को पूरा पानी दें
इस विवाद को लेकर बुधवार शाम को भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की इमरजेंसी मीटिंग हुई थी। जिसमें ये फैसला लिया गया कि हरियाणा के लिए साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी दिया जाएगा। अधिकारियों को इस बारे में आदेश भी दिए गए। यह मीटिंग केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश पर हुई। हालांकि पंजाब सरकार के प्रतिनिधि ने इसका विरोध किया। जबकि, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि फैसले के पक्ष में रहे। हरियाणा में जल संकट से निपटने सरकार की 5 पॉइंट की मेगा प्लानिंग
इधर, हरियाणा में बने जल संकट से निपटने के लिए सैनी सरकार ने मेगा प्लानिंग कर ली है। लोगों के बीच समान जल वितरण को लेकर बनाई गई इस प्लानिंग में 5 जरूरी बातों को शामिल किया गया है। 1. ओवरऑल वाटर सप्लाई का ऑब्जर्वेशन: शहरों की ओवरऑल वाटर सप्लाई सिस्टम का अवलोकन किया जाएगा। वाटर सोर्सेज को लेकर समीक्षा की जाएगी। संबंधित ब्रांच के जरिए प्रति व्यक्ति को कितने पानी की जरूरत है, इसे लेकर चार्ज बनाया जाएगा। इसके साथ ही सप्लीमेंट्री वाटर सोर्सेज के जरिए बूस्टर स्टेशन बनाए जाएंगे। विभिन्न इलाकों में मांग को पूरा करने के लिए बूस्टिंग स्टेशनों और ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेलों से पानी की आपूर्ति की जाएगी। जिन क्षेत्रों में पानी कम है, वहां पानी के टैंकर तैनात किए जाएंगे। 2. वाटर सप्लाई एंड डिमांड असेस्मेंट: प्रति व्यक्ति के हिसाब से पानी की आवश्यकता को देखते हुए 150 लीटर का मानक तय कर अधिकारियों को प्लानिंग करनी होगी। इसके साथ ही शहर की मौजूदा क्षमता का भी आकलन किया जाएगा। नहरी पानी बंद होने पर ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेल और टैंकरों जैसे वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर रहकर काम करना होगा। 3. 2025 की गर्मी के लिए रणनीति: अधिकारी नहरों का संचालन एवं प्रबंधन करेंगे। साथ ही नहर प्रवाह की निगरानी की जाएगी। जल प्रवाह में किसी भी संभावित परिवर्तन पर नजर रखने के लिए सुंदर शाखा की नियमित निगरानी की जाएगी। नहर बंद होने या फ्लो में कमी के कारण आपूर्ति में कमी होने की स्थिति में लोगों को पहले ही अलर्ट भेज दिया जाएगा। नहरों के बंद रहने की अवधि बढ़ने पर समान जल वितरण सुनिश्चित करने के लिए राशनिंग लागू की जाएगी। लोगों के साथ बात की जाएगी। उन्हें राशनिंग कार्यक्रम के बारे में बताया जाएगा और पानी के सावधानीपूर्वक इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 4. रेगुलर मॉनिटरिंग और मेंटेनेंस: रोजाना वाटर क्वालिटी की चेकिंग की जाएगी। नहर और ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेलों से पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए डेली निगरानी होगी। इसके अलावा गर्मी के चरम पर जल संकट के दौरान किसी भी खराबी से बचने के लिए बूस्टर स्टेशनों और ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेलों का नियमित रखरखाव किया जाएगा। किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटने के लिए बैकअप इंस्ट्रूमेंट और स्टैंडबाय कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे। 5. पब्लिक कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी: जल संकट के दौरान वाटर राशनिंग कार्यक्रम और टैंकर से पानी पहुंचाने के बारे में पब्लिक नोटिस जारी किए जाएंगे। अखबारों, सोशल मीडिया और कम्युनिटी बुलेटिन बोर्डों से पानी की सप्लाई की जानकारी फैलाई जाएगी। इसके अलावा शिकायतों या जल-संबंधी समस्याओं के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित की जाएगी। जल संरक्षण और पानी को जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने का जागरूकता अभियान चलेगा, जिसमें बंदी के दौरान पानी बचाने के महत्व पर जोर दिया जाएगा। 2 पॉइंट में जानिए, सरकार को इस मेगा प्लानिंग की जरूरत क्यों पड़ी... दोनों राज्यों के CM आमने-सामने... CM सैनी कह चुके- दिल्ली में भी असर पड़ेगा
इसे लेकर हरियाणा के CM नायब सैनी ने कहा है कि पंजाब CM भगवंत मान राजनीति कर रहे हैं। अगर हरियाणा में पानी कम आता है, तो दिल्ली में भी पेयजल आपूर्ति प्रभावित होगी। CM ने कहा- जब तक दिल्ली में AAP की सरकार थी, तब तक दिल्ली जाने वाले पानी पर भगवंत मान की सरकार को कोई आपत्ति नहीं थी। अब सरकार नहीं है तो दिल्ली की जनता को सजा देने का काम किया जा रहा है। पंजाब सरकार ने कहा- हरियाणा ज्यादा पानी यूज कर चुका
विवाद बढ़ने के बाद पंजाब सरकार ने बयान जारी किया कि हरियाणा ने पंजाब से 8500 क्यूसेक पानी मांगा है। पंजाब पहले ही मानवता के आधार पर 4 हजार क्यूसेक पानी दे रहा है। हरियाणा अपने हिस्से से ज्यादा कुल 103% पानी यूज कर चुका है। पंजाब को सिर्फ 89% पानी ही मिला है। नहरों की कुल क्षमता ही 10 हजार क्यूसेक की है। ऐसे में साढ़े 8 हजार क्यूसेक देना संभव नहीं है। पंजाब के बांधों का जलस्तर भी सामान्य से नीचे है और धान की बुआई के लिए पंजाब को पानी चाहिए। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें... पानी रोकने से हरियाणा में संकट:कंस्ट्रक्शन, सिंचाई, वाशिंग स्टेशन पर रोक, टैंकर के रेट तिगुने; खट्टर बोले- पंजाब राजधर्म नहीं निभा रहा पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले पानी में कटौती कर दी है। साढ़े 8 हजार क्यूसेक की जगह अब सिर्फ 4 हजार क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है। इसको लेकर अब टकराव बढ़ता जा रहा है। पूरी खबर पढ़ें...
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