अनुराग गुप्ता के डीजीपी बने रहने पर संशय बरकरार:केंद्र ने झारखंड को फिर लिखी चिट्ठी, कहा- नियुक्ति नियमावली सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन्स के खिलाफ
झारखंड में डीजीपी नियुक्ति को लेकर राज्य और केंद्र के बीच चल रही खींचतान का अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। आईपीएस अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी है। सूत्रों के मुताबिक इस पत्र के माध्यम से राज्य सरकार के तर्क को नकारते हुए कहा गया है कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल को ही रिटायर हो गए हैं। झारखंड सरकार द्वारा डीजीपी की नियुक्ति के लिए बनाया गया नियम भी सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के खिलाफ है। हालांकि केंद्र से दोबारा पत्र मिलने के संबंध में कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। केंद्र ने इससे पहले 22 अप्रैल को भी पत्र लिखकर कहा था कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल को रिटायर माने जाएंगे। राज्य सरकार ने बताया था नियुक्ति को नियम संगत केंद्र की ओर से 22 अप्रैल को भेजे गए पत्र के जवाब में राज्य सरकार की ओर से यह बताया है कि डीजीपी की नियुक्ति नियम संगत तरीके से हुई है। अनुराग गुप्ता को इसी के मुताबिक डीजीपी बनाया गया है। डीजीपी को 2 साल तक पद पर रखने का नियम है, इसलिए केंद्र इस पर फिर से विचार करें। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार अपने तर्क से केंद्र को संतुष्ट करने का प्रयास कर रही है। ताकि अनुराग गुप्ता डीजीपी बने रहें। इस मामले में केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर कानूनी राय लेने के बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। राज्य सरकार के इस कदम के बाद केंद्र ने दोबारा पत्र भेजा है। डीजीपी नियुक्ति पर होता रहा है उठा-पटक राज्य सरकार ने 26 जुलाई 2024 को तत्कालीन डीजीपी अजय कुमार सिंह को पद से हटकर अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाया था। झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग ने प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद उन्हें अक्टूबर 2024 में प्रभारी डीजीपी के पद से हटकर अजय कुमार सिंह को स्थायी डीजीपी बनाया। लेकिन विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद 28 नवंबर को फिर अजय कुमार सिंह को हटाकर अनुराग गुप्ता को डीजीपी का प्रभार दे दिया गया। सरकार की बनाई कमेटी चुनती है डीजीपी जनवरी में राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई। इसके तहत हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। इसमें मुख्य सचिव, गृह सचिव और यूपीएससी के एक प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया। लेकिन कमेटी की बैठक में यूपीएससी का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। इस कमेटी के अनुशंसा पर अनुराग गुप्ता को स्थायी डीजीपी बनाया गया। इसके बाद से केंद्र और राज्य के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है।
------------------------------------------- इस खबर को भी पढ़ें... आईपीएस अनुराग गुप्ता ही बने रहेंगे डीजीपी:सीएम हेमंत ने की बैठक, देर शाम केंद्र को भेजी गई चिट्ठी, आदेश पर विचार करने का आग्रह झारखंड में डीजीपी नियुक्ति पर चल रही राज्य और केंद्र के बीच की तनातनी को लेकर अब तक कोई स्पष्ट समाधान नहीं निकल पाया है। 30 अप्रैल को राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता रिटायर होने वाले थे, लेकिन राज्य सरकार ने उनके रिटायरमेंट को लेकर कोई घोषणा नहीं की। ऐसे में अब भी झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ही हैं। इधर केंद्र की ओर से राज्य सरकार को भेजे गए पत्र के जवाब में राज्य सरकार की ओर से देर शाम केंद्र को पत्र भेजा गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें...
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