केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट 8 साल में पूरा होगा:बांध बनाने टाइगर रिजर्व के 15 हेक्टेयर जंगल में लगे 3526 वृक्ष काटे, 8 साल में 23 लाख कटेंगे
केन बेतवा लिंक परियोजना के तहत ढोड़न बांध बनाने के लिए बाघों के घर को उजाड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। बांध का निर्माण केन नदी पर पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के घने जंगल में किया जा रहा है। इस कारण बांध का निर्माण शुरू करने के पहले वृक्षों को काटा जा रहा है। अब तक 15 हेक्टेयर में लगे 3 हजार 526 वृक्ष काट दिए गए हैं। जैसे-जैसे बांध निर्माण का काम फैलता जााएगा, जंगल के पेड़ों को काटने का सिलसिला बढ़ता जाएगा। बांध पूरी तरह से तैयार होने पर 6017 हेक्टेयर जंगल में लगे 23 लाख वृक्ष कट जाएंगे। केन बेतवा लिंक परियोजना के तहत केन नदी का पानी नहर के माध्यम से 220 किलोमीटर दूर बेतवा नदी तक ले जाने की योजना है। भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 45 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट अथॉरिटी ने काम शुरू कर दिया है। नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी को आठ साल में ढोड़न बांध का निर्माण पूरा करना है। इसमें बांध के साथ दो जलविद्युत प्लांट और नहर के लिए 12 किलोमीटर लंबी सुरंग का काम भी शामिल है। फिलहाल कंपनी पीटीआर के भुसौर गेट से ढोड़न गांव में केन नदी के तट तक 12 किलोमीटर लंबी सड़क को चौड़ा कर रही है। साथ ही नदी के घाट के पास कैंप बनाया जा रहा है। सड़क व कैंप के लिए जंगल साफ किया सड़क को 12 मीटर तक चौड़ा करने दोनों ओर पेड़ काटे गए हैं। सड़क के कुल 10 हैक्टेयर में लगे 2600 पेड़ काटे गए हैं। इसी प्रकार केन नदी के पास 5 हैक्टेयर क्षेत्र में कंपनी को अपना कैंप बनाना है। कैंप बनाने के लिए जंगल में लगे 926 पेड़ काटकर जंगल साफ किया गया है। काटे गए पेड़ों में शीशम, सागौन, केम, पीपल, खेर, तेंदू, जामुन, बहेड़ा, अर्जुन जैसे महत्वपूर्ण प्रजातियों के पेड़ शामिल हैं। काटे गए पेड़ों में सिर्फ उनकी गिनती की जा रही है जिनके तने की मोटाई (परिधि) 20 सेंटीमीटर से अधिक है। इससे कम मोटाई वाले वृक्षों को भी काटा गया है पर उनकी गिनती नहीं की जा रही है। पेड़ काटने की अनुमति मिली है ^केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट अथॉरिटी के पास केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार से प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए पेड़ काटने की अनुमति है। इसी अनुमति के तहत पेड़ों की कटाई की गई है। 20 सेंटीमीटर से अधिक मोटे तना वाले पेड़ों की गणना की गई है। अभी भराव क्षेत्र में आने वाले पेड़ काटने के संबंध में अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। बांध बनने के बाद तय होगा कि पेड़ों को काटना या पानी में ही छोड़ना है।
- अंजना सुचिता तिर्की, फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व
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