गिरिजा व्यास को कम नंबर देती थीं प्रिंसिपल मां:इंदिरा गांधी ने कहा था-टैलेंट है, राजनीति में आ जाओ; मंत्री रहते संभाले थे 17 विभाग
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर डॉ. गिरिजा व्यास का गुरुवार शाम को निधन हो गया। वे राज्य में मंत्री और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष भी रहीं थीं। उन्होंने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष पद भी संभाला था। डॉ. गिरिजा व्यास को सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राजनीति में लाने का प्रयास किया था, लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका था। इंदिरा गांधी के निधन के बाद राजीव गांधी व्यास को राजनीति में लेकर आने में सफल हुए। राजस्थान में पहली बार मंत्री बनने पर उन्हें 17 विभाग दिए गए थे। उनके निजी जीवन को लेकर एक दिलचस्प किस्सा है। वे जिस स्कूल में पढ़ती थीं, उस स्कूल की प्रिंसिपल उनकी मां थीं। गिरिजा व्यास पढ़ाई में होशियार थीं और स्कोर भी अच्छा करती थीं। लेकिन इसके बावजूद प्रिंसिपल मां उनको कम नंबर देती थीं। गिरिजा व्यास के ऐसे ही निजी और राजनीति किस्सों के बारे में पढ़िए.. होशियार होने पर भी कम नंबर देती थीं मां
गिरिजा व्यास का जन्म 8 जुलाई 1946 को नाथद्वारा में हुआ था। उनके भाई गोपाल शर्मा ने बताया- हमारी मां यमुना देवी व्यास नाथद्वारा के एक स्कूल में प्रिंसिपल थीं। गिरिजा ने इसी स्कूल से हायर सेकेंडरी तक पढ़ाई की थी। गिरिजा पढ़ाई में बहुत होशियार थीं। उनका स्कोर बहुत अच्छा रहता था। इसके बाद भी मां उनको कम नंबर देती थीं। इसके पीछे मां की सोच यह थी कि किसी भी बच्चे के मन में यह बात नहीं आए कि प्रिंसिपल की बेटी है, इसलिए बेटी को ज्यादा नंबर दे दिए। उच्च शिक्षा के लिए उदयपुर आई थीं
गोपाल शर्मा ने बताया- गिरिजा व्यास उच्च शिक्षा के लिए उदयपुर आ गईं। वे यहां पर हॉस्टल में रहती थीं। तब पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के पास हमारे पिता गए थे। उन्होंने कहा था कि बेटी उदयपुर में हॉस्टल में पढ़ रही है, उसकी सार-संभाल के लिए मेरी पत्नी यमुना बाई व्यास का तबादला उदयपुर किया जाए। मेरे स्वतंत्रता सेनानी पिता हाथों-हाथ आदेश लेकर आए और मां उदयपुर के नानी गली स्कूल की प्रिंसिपल बनीं। तब से हम उदयपुर में रहने लग गए। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहीं
गिरिजा ने दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी। इससे पहले रिसर्च स्कॉलर थीं। वे सुखाड़िया विवि में फिलॉस्फी की प्रोफेसर और बाद में हेड ऑफ डिपार्टमेंट बनीं। इसके बाद वे यूएसए चली गईं और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहीं। व्यास की लिखी पुस्तक आज भी न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में चलती है। इस तरह राजनीति जॉइन की इंदिरा गांधी ने कहा- आप में टैलेंट,राजनीति में आ जाओ
गिरिजा व्यास के भाई गोपाल शर्मा ने बताया- उस दौरान हमारे देश में इमरजेंसी लग गई थी। उन्होंने विदेश से एक कॉन्फ्रेंस में इमरजेंसी को लेकर बयान दिया था। विदेश में रहने वाले भारतीयों की हर गतिविधि पर पीएमओ की नजर रहती थी। तब इंदिरा गांधी ने गिरिजा को कॉल किया था और कहा था- आप में बहुत अच्छा टैलेंट है। आप राजनीति क्यों नहीं जॉइन करते हैं। तब गिरिजा ने कहा था- नहीं, मैडम मैं तो एक टीचर हूं पढ़ाने दीजिए, मेरी राजनीति में कोई रुचि नहीं है। इस पर इंदिरा गांधी ने कहा- आप इस बारे में सोचना। इसके बाद गिरिजा के उनके साथ गहरे संबंध हो गए थे। इस बीच इंदिरा का निधन हो गया था। लोकसभा का चुनाव लड़ने से किया था मना
गोपाल शर्मा ने बताया- इंदिरा गांधी के बाद गिरिजा राजीव गांधी के संपर्क में आईं और उनके कहने पर राजनीति जॉइन कर ली। राजीव गांधी ने उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ने को कहा था, लेकिन गिरिजा ने मना कर दिया था। इस बीच वह उदयपुर शहर कांग्रेस की अध्यक्ष बन गईं। पहला चुनाव जीतकर मंत्री बनीं, 17 विभाग मिले थे
गोपाल शर्मा ने कहा- गिरिजा को 1985 में उदयपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ाया था। वे पहली बार में ही चुनाव जीत गई थीं। इसके बाद सीधे मंत्री बनीं और उन्हें 17 विभाग दिए गए थे। इसमें उच्च शिक्षा, पशुपालन, टूरिज्म, खादी ग्रामोद्योग, महिला पोषाहार आदि शामिल थे। वे सफल मंत्री रही थीं। उस दौरान राजीव गांधी को कहकर जयसमंद से पानी की योजना लेकर आई थी। पश्चिमी सांस्कृतिक केंद्र जो उदयपुर में है, वह गुजरात जा रहा था, उसे भी गिरिजा व्यास लेकर आई थीं। हमारी सरकार में गिरिजा धरने पर बैठ गई
गिरिजा के भाई ने बताया- उदयपुर-अहमदाबाद रेल लाइन को ब्रॉडगेज में परिवर्तन करने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी की सरकार के खिलाफ डॉ. गिरिजा व्यास और सलूंबर के सांसद स्व. भैरूलाल मीणा संसद में धरने पर बैठ गए थे। उनको आश्वस्त किया, तब वे धरने से हटे थे। इसके बाद केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव यहां आए थे और ब्रॉडगेज लाइन का शिलान्यास करके गए थे। जब टीवी पर रामायण आई,तब गिरिजा ने कई टावर लगवाए
राजीव गांधी के निधन के बाद वे चुनाव जीतकर लोकसभा में गईं और केंद्र में मंत्री बनीं। उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय मिला था। उस समय दूरदर्शन पर रामायण शुरू हुई थी। तब उन्होंने पूरे देश को दूरदर्शन से जोड़ा था। देश में छोटे-छोटे एलपी और एचपीटी टावर लगाए थे। भाई बोले- गिरिजा मेरी बहन ही नहीं मां थीं
गोपाल शर्मा ने कहा- गिरिजा के घर जनता के लिए दरवाजे हमेशा के लिए खुले रहते थे। कोई भी आकर उनसे मिल सकता था। आज ये दरवाजे तो खुले हैं, लेकिन गिरिजा नहीं हैं। मेरे लिए तो बहुत बड़ा नुकसान हुआ। वो मेरी बहन नहीं मेरी मां थीं। कांग्रेस पार्टी के नेता क्या बोले... पूर्बिया बोले- इंदिरा ने कहा चुनाव लड़ो, मैडम ने मुझे लड़वा दिया
उदयपुर के पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया कहते हैं- गिरिजा व्यास इंदिरा गांधी की काफी करीबी थीं। इंदिरा जी ने उन्हें उदयपुर से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था। दूसरे दिन ही गिरिजा ने कहा- मुझे (त्रिलोक पूर्बिया) लोकसभा चुनाव लड़ाओ। इस चुनाव में तो 15 साल से मेहनत कर रहे जमीनी कार्यकर्ताओं और जाजम उठाने वाले को मौका मिलना चाहिए। गिरिजा ने मेरा नाम इंदिरा जी को दिया और 1978 का चुनाव उदयपुर से लड़वाया और जितवा दिया। पूर्बिया कहते हैं- गरीबों के प्रति उनकी भावना अच्छी थी। गिरिजा व्यास गरीबों की आस, गिरिजा व्यास मेवाड़ की शान की बात उस समय कार्यकर्ताओं से सुनी जाती थी। गहलोत बोले- जब भी उदयपुर आता, उनसे मिलता था
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- मेरे बाद वे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष बनी थीं। इस बीच मैं मुख्यमंत्री बन गया था। तब प्रदेश अध्यक्ष का चार्ज गिरिजा व्यास को मैंने ही दिया था। मैं जब केंद्रीय मंत्री था। तब वे भी केंद्र में राज्यमंत्री थीं। केंद्र से लेकर राज्य में उनसे हमारा संपर्क बना रहा। मैं जब भी उदयपुर आता था तो उनसे मिलता था। सचिन पायलट बोले- 25 साल पहले उनके हाथों मिली थी सदस्यता
पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोशल मीडिया पर लिखा- लगभग 25 साल पहले मुझे कांग्रेस पार्टी की औपचारिक सदस्यता गिरिजा व्यास के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उनके हस्ताक्षर से ही मिली थी। मुझे हमेशा उनका स्नेह, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन मिलता रहा। ---------------------------------- गिरिजा व्यास से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का अंतिम संस्कार आज:गहलोत-डोटासरा बोले- उन्होंने पार्टी को मजबूती दी; घर पर अंतिम दर्शन कर रहे लोग पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर डॉ. गिरिजा व्यास ने गुरुवार शाम करीब 7:15 बजे अहमदाबाद स्थित जायडस हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। देर रात उनकी पार्थिव देह उदयपुर लाई गई। (पढ़ें पूरी खबर) पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का निधन:गणगौर पर पूजा करते वक्त झुलस गई थीं, एक महीने से अहमदाबाद में चल रहा था इलाज पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर डॉ. गिरिजा व्यास का निधन हो गया। अहमदाबाद स्थित जायडस हॉस्पिटल में गुरुवार शाम करीब 7:15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पढ़ें पूरी खबर...
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